मुंबई में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बारिश से बिजली सप्लाई बाधित होने की वजह से कल मंगलवार शाम एलिवेटेड ट्रै...
मुंबई में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बारिश से बिजली सप्लाई बाधित होने की वजह से कल मंगलवार शाम एलिवेटेड ट्रैक पर बहुत अधिक भीड़ वाली 2 मोनोरेल ट्रेन फंस गईं. इसमें सवार 700 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कल शाम मुंबई में एलिवेटेड ट्रैक पर 2 भीड़भाड़ वाली मोनोरेल ट्रेनें स्टेशनों के बीच फंस गईं. इस वजह से कुछ घबराए यात्री नीचे जमीन पर कूदने को भी तैयार हो गए थे.
उन्होंने बताया कि लोगों की घबराहट को देखते हुए दमकल विभाग ने यात्रियों के नीचे कूदने की आशंका में जमीन पर जंपिंग शीट भी बिछा दी थीं, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आई और सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया. मूसलाधार बारिश के कारण कल शाम एलिवेटेड ट्रैक पर दो मोनोरेल ट्रेनें फंस गईं, जिसमें काफी लोग सवार थे. ट्रेन के फंसने से वहां काफी अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद बचाव अभियान तेज हो गया. मोनोरेल के अंदर एसी के बंद हो जाने से एक दर्जन से ज्यादा यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की जबकि कुछ यात्री बेहोश भी हो गए. हालांकि, महज एक यात्री को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
अधिकारियों के अनुसार, मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क के बीच फंसी मोनोरेल ट्रेन से स्नोर्कल लैडर लगाकर 582 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया, जबकि 200 अन्य यात्रियों को एक अन्य मोनोरेल ट्रेन से निकाला गया, जिसे टो (towed) करके पास के वडाला स्टेशन पर वापस लाया गया.
मुंबई अग्निशमन विभाग के चीफ रवींद्र अंबुलगेकर मंगलवार शाम करीब 6.30 बजे घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्वी मुंबई स्थित मोनोरेल स्टेशन पहुंचे. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि अग्निशमन दल ने एक साहसिक और सावधानीपूर्वक समन्वित अभियान चलाया और दोनों मोनोरेल ट्रेनों में सवार 780 से ज्यादा लोगों को बचा लिया.
जंपिंग शीट बिछाई गई
हालांकि उन्होंने यह भी कहा, “लोग (यात्री) डरे हुए थे. उनमें से कुछ तो कूदने को भी तैयार हो गए थे. हमने तुरंत पटरियों के नीचे जमीन पर जंपिंग शीट बिछा दीं ताकि अगर कोई कूदे तो उसे चोट न लगे, और उन्हें शांत करने के लिए कोच में अधिकारियों को तैनात किया. हमारी प्राथमिकता इस तरह की दहशत को किसी त्रासदी में बदलने से रोकना था.”
पिछले 2 दिनों से मुंबई में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हार्बर लाइन पर उपनगरीय रेल सेवाएं बाधित होने की वजह से, कई यात्रियों ने विकल्प के तौर पर मोनोरेल का रुख किया. लेकिन शाम 6 बजे के बाद पिक ऑवर में, एक मोनोरेल ट्रेन मैसूर कॉलोनी के पास अचानक रुक गई, एक तरफ झुकी हुई दिखाई दी, और दूसरी वडाला ब्रिज के पास.
खिड़कियां तोड़कर निकाला गया
चूंकि मुंबई अग्निशमन विभाग को मोनोरेल यात्रियों को बचाने का पहले से अनुभव था, इसलिए उसने तुरंत दमकल गाड़ियों और कई एम्बुलेंस को हवाई सीढ़ियों के साथ-साथ जरूरी आपातकालीन उपकरणों के साथ घटनास्थल पर भेज दिया. उन्होंने कहा, “बचाव दल ने मोनोरेल की खिड़कियां तोड़ दीं और दरवाजे खोलकर यात्रियों को बाहर निकाला, सबसे पहले महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को निकाला गया. सबसे आखिर में युवाओं को प्राथमिकता दी गई. इन लोगों को मौके पर मौजूद चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई गई.”
देर रात तक बचाव अभियान में दोनों मोनोरेल ट्रेनों से कुल 782 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया. उन्होंने बताया कि बचाए गए लोगों में से कुछ की स्थिति अच्छी नहीं थी और उन्हें मेडिकल सुविधा दिए जाने की जरूरत थी. वहीं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बताया कि मैसूर कॉलोनी मोनोरेल से बचाए गए 582 यात्रियों में से 23 में दम घुटने के लक्षण दिखाई दिए और 108 एम्बुलेंस में मौजूद डॉक्टर ने तुरंत उनका इलाज किया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई.
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