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ग्रेटर गाजियाबाद में 175 वार्ड बनाने की तैयारी, मुरादनगर के 20 गांवों को शामिल करने पर फैसला

 ग्रेटर गाजियाबाद बनाने के लिए मुरादनगर क्षेत्र के 20 गांवों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। नई रिपोर्ट के आधार पर ग्रेटर गाजियाबाद में ...


 ग्रेटर गाजियाबाद बनाने के लिए मुरादनगर क्षेत्र के 20 गांवों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। नई रिपोर्ट के आधार पर ग्रेटर गाजियाबाद में करीब 175 वार्ड होंगे और इसकी कमान सचिव स्तर के अधिकारी के हाथ में होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद ग्रेटर गाजियाबाद बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें खोड़ा और लोनी नगरपालिका और डासना नगर पंचायत के पूरे इलाके के अलावा मुरादनगर क्षेत्र के 20 गांवों को मिलाकर ग्रेटर गाजियाबाद बनाया जाना है। जिला प्रशासन अन्य विभागों के साथ मिलकर इसकी कवायद में जुटा हुआ है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इन क्षेत्रों को किस तरह से जोड़ा जाए, ताकि यह ग्रेटर गाजियाबाद की शक्ल ले सके। इस पर मंथन जारी है।

ग्रेटर गाजियाबाद में खोडा, लोनी और डासना के साथ मुरादनगर के गाजियाबाद सीमा ने लगे 13 गांवों को जोड़ने की योजना थी, लेकिन नक्शों का मिलान करने पर करीब 20 गांव इसकी जद में आ रहे हैं।

पहले चरण में सभी नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र के नक्शे निकलवाए गए थे। इन नक्शों को नगर निगम की सीमा से मिलाया गया। ग्रेटर गाजियाबाद में किस क्षेत्र के कितने गांव शामिल किए जाएंगे, इसे लेकर लगातार काम किया जा रहा है।

 

वरिष्ठ आईएएस के हाथ में होगी कमान : सूत्रों की मानें तो ग्रेटर गाजियाबाद के गठन के बाद इसकी व्यवस्था कमिश्नरेट की तरह होने जा रही है। ग्रेटर गाजियाबाद की कमान सचिव स्तर के एक अधिकारी के पास होगी। नगरायुक्त सचिव स्तर का होगा। इसके साथ ही पूर्व की तरह जोनल व्यवस्था भी होगी, लेकिन जोनल प्रभारी भी आईएएस अधिकारी ही होंगे। सचिव स्तर के अधिकारी के अधीन कितने जोनल अधिकारी होंगे, यह अभी तय नहीं है। विभागीय सूत्रों की मानें तो पूरे ग्रेटर गाजियाबाद को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। हर जोन में अलग-अलग सेक्टर होंगे।


मास्टर प्लान का भी ध्यान रख रहे


अधिकारियों का कहना है कि जीडीए गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर और मोदी नगर को पहले ही 2031 के मास्टर प्लान में शामिल कर चुकी है। ऐसे में जीडीए के मास्टर प्लान को भी ध्यान में रखा जा रहा है। ग्रेटर गाजियाबाद की सीमा का निर्धारण सड़क मार्ग से किया जाएगा।

 

रणविजय सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, ''ग्रेटर गाजियाबाद के निर्माण की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सभी विभागों ने सर्वे पूरा कर लिया है। इसकी सीमा कहां तक होगी और इसमें कौन-कौन से क्षेत्र का कितना हिस्सा शामिल होगा, इसे लेकर अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।''




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