प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का नेतृत्व करने के लिए 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल तैयार करना...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का नेतृत्व करने के लिए 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष में 20 दिन बिताकर लौटे शुभांशु शुक्ला से बातचीत के दौरान यह बात कही। शुक्ला एक्सिओम-4 वाणिज्यिक मिशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने।
उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि भारत के गगनयान मिशन को लेकर दुनिया भर में जबरदस्त रुचि है। प्रधानमंत्री के साथ सोमवार शाम को बातचीत में शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक की अपनी अंतरिक्ष यात्रा, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों के साथ तालमेल और कक्षीय प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों के बारे में अपने अनुभव भी साझा किए। इस बातचीत का वीडियो सोमवार को जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के भविष्य के मिशनों के लिए 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल तैयार करने की आवश्यकता है।''
उन्होंने कहा कि शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा भविष्य के अंतरिक्ष मिशन की दिशा में पहला कदम है। मोदी ने कहा कि अब तक बहुत कम बच्चों ने अंतरिक्ष यात्री बनने के बारे में सोचा होगा, लेकिन शुक्ला की यात्रा से इस क्षेत्र में अधिक विश्वास पैदा होगा और रुचि पैदा होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने अब दो बड़े मिशन हैं - भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और गगनयान, और इन प्रयासों में शुक्ला का अनुभव बहुत मूल्यवान होगा। शुक्ला ने कहा कि दोनों मिशन ने देश के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत किया है और चंद्रयान-2 मिशन जैसी असफलताओं के बावजूद अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अंतरिक्ष कार्यक्रम को लगातार बजट उपलब्ध कराने के कारण चंद्रयान-3 को सफलता मिली। शुक्ला ने कहा कि असफलताओं के बाद भी इस तरह के समर्थन को विश्व स्तर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता और स्थिति के प्रतिबिंब के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत नेतृत्वकारी भूमिका निभा सकता है और भारत के नेतृत्व में अन्य देशों की भागीदारी से अंतरिक्ष केंद्र एक शक्तिशाली साधन होगा।''
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