जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को 79 वर्ष की उम्र में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में नि...
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को 79 वर्ष की उम्र में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। केजरीवाल ने मलिक के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें सत्ता के सामने सच बोलने वाला नेता बताया। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वह देशहित के मुद्दों पर निडर होकर अपनी बात रखने वाले विरले नेताओं में से एक थे। उधर पूर्व सीएम आतिशी ने प्रतिक्रिया देते हुए मलिक के जाने को भारतीय राजनीति की एक सधी हुई आवाज का शांत हो जाना बताया।
केजरीवाल ने बताया निडर नेता
केजरीवाल ने इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पूर्व राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। भारतीय राजनीति ने एक ऐसा व्यक्तित्व खोया है जो सत्ता के सामने भी सच बोलने का साहस रखता था। वे न सिर्फ़ एक अनुभवी राजनेता थे, बल्कि देशहित के मुद्दों पर निडर होकर अपनी बात कहने वाले विरले नेताओं में से एक थे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह कठिन समय सहने की शक्ति दें। ॐ शांति'
‘उन्होंने बेबाक राय से अलग पहचान बनाई’
इसके अलावा वरिष्ठ AAP नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, 'पूर्व राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक जी के निधन का समाचार बेहद दुःखद है। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सादगी, स्पष्टवादिता और जनहित के मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के लिए हमेशा एक अलग पहचान बनाई। उनका जाना भारतीय राजनीति की एक सधी हुई आवाज का शांत हो जाना है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और परिजनों को इस कठिन समय में साहस दें। ॐ शांति'
उधर आम आदमी पार्टी ने मलिक के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, 'ॐ शांति जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल व देशहित में मजबूती से अपनी आवाज उठाने वाले नेता सत्यपाल मलिक जी का निधन अत्यंत दुःखद है। प्रभु उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।'
मौत की तारीख से जुड़ गया अजीब संयोग
बता दें कि सत्यपाल मलिक अपने लंबे राजनीतिक जीवन में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहने के अलावा गोवा, बिहार, मेघालय, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के पदों पर रहे। मलिक का निधन दोपहर एक बजकर 12 मिनट पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुआ। उनके स्टाफ ने बताया कि वह लंबे समय से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और विभिन्न बीमारियों की वजह से उनका इलाज किया जा रहा था।
हालांकि उनके निधन की तारीख में अजीब संयोग यह रहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को उनके राज्यपाल रहते हुए ही हटाया गया था, और फिर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभक्त कर दिया गया था। संयोग से ठीक 6 साल बाद इसी दिन उन्होंने जीवन की अंतिम सांस भी ली।
ليست هناك تعليقات