नई दिल्ली, एजेंसी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी में बड़े सुधारों की घोषणा कर एक लचीली भारतीय अर्थव्यवस्था...
नई दिल्ली, एजेंसी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी में बड़े सुधारों की घोषणा कर एक लचीली भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए समय पर और रणनीतिक कदम उठाया है। मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि दिवाली तक जीएसटी की दरें कम कर दी जाएंगी जिससे रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। ईवाई इंडिया के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा, जीएसटी 2.0 के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण एक लचीली भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में समय से उठाया गया एक रणनीतिक कदम है।
ये केवल प्रक्रियात्मक बदलाव नहीं है, बल्कि आवश्यक संरचनात्मक सुधार है, जो वैश्विक व्यापार तनावों के जोखिमों को कम करने के लिए लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उल्टे शुल्क ढांचे का समाधान कर महत्वपूर्ण कार्यशील पूंजी हासिल कर रहे हैं, और अपने निर्यात को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं। दरों को युक्तिसंगत बनाने से घरेलू खपत को भी बढ़ावा मिलेगा। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया में साझेदार कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि जीएसटी दर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने की योजना पिछले कुछ समय से चल रही थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ लगता है कि दरों के निर्धारण का काम पूरा हो गया है और दैनिक उपभोग की वस्तुओं की दरें 12 प्रतिशत की जगह पांच प्रतिशत तक के दायरे में आ सकती हैं। कम जीएसटी दर समग्र अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी में साझेदार विवेक जालान ने कहा कि जीएसटी परिषद की पिछले आठ महीनों से कोई बैठक नहीं हुई है, क्योंकि दरों को युक्तिसंगत बनाने की व्यापक कवायद चल रही थी। मंत्रियों का एक समूह (जीओएम) दरों को युक्तिसंगत बनाने के कार्यक्रम की समीक्षा कर रहा है। उम्मीद है कि इस दिवाली आम आदमी के इस्तेमाल वाली वस्तुओं को पांच प्रतिशत जीएसटी के निचले स्लैब में लाया जाएगा। कम जीएसटी दर समग्र अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत होगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस संबोधन भारत के युवाओं को सशक्त बनाने, एमएसएमई को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत मिशन को गति देने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में एमएसएमई को इन उपायों से काफी लाभ होगा।
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