सपा सरकार में आजम खां के करीबी और गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहे पूर्व आईएएस अब्दुल समद के खिलाफ विजिलेंस आगरा सेक्टर थाने में भ्रष्टाचार नि...
सपा सरकार में आजम खां के करीबी और गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहे पूर्व आईएएस अब्दुल समद के खिलाफ विजिलेंस आगरा सेक्टर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वर्ष 2022 में विजिलेंस को खुली जांच के आदेश मिले थे।
जांच के दौरान पाया गया कि नगर आयुक्त गाजियाबाद के पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने अपनी आय से 113 प्रतिशत अधिक खर्चा किया। इस संबंध में पूछताछ करने पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वृंदावन योजना सेक्टर-11 आवास विकास परिषद, रायबरेली मार्ग (लखनऊ) निवासी अब्दुल समद अब रिटायर हो चुके हैं। सपा सरकार में उनकी गिनती ताकतवर अफसरों में होती थी।
आजम खां के करीबी थे : अब्दुल समद को आजम खां के प्रतिनिधि के रूप में जाना जाता था। एसपी विजिलेंस आगरा सेक्टर आलोक शर्मा ने बताया कि इंस्पेक्टर विजिलेंस रविंद्र कुमार दुबे ने जांच की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। शासन की मंजूरी के बाद आगरा सेक्टर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच के दौरान पाया गया कि नगर आयुक्त गाजियाबाद पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने परिसंपत्तियों के अर्जन एवं पारवारिक भषण-पोषण में 5,59,84,119 रुपये व्यय किए, जबकि सभी स्रोतों से उन्होंने कुल 2,62,70,428 रुपये अर्जित किए। इस तरह उन्होंने अपनी आय की तुलना में 2,97,14,491 रुपये अधिक व्यय किए। जो उनकी आय से 113 प्रतिशत अधिक है। जांच के दौरान जांच अधिकारी ने उनसे इस आय के प्रमाण मांगे, मगर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
सूत्रों की मानें तो जांच के दौरान विजिलेंस को उनकी आजमगढ़, जौनपुर, लखनऊ में संपत्तियों की भी जानकारी हुई। हालांकि, मुकदमे में इसका खुलासा नहीं किया गया है।
गाजियाबाद में तैनाती के दौरान चर्चा में रहे थे
सपा सरकार में गाजियाबाद में नगर आयुक्त रहते हुए अब्दुल समद ने मनमर्जी के फैसले लिए थे। भाजपा के प्रभाव वाले गाजियाबाद में उनके फैसलों पर विरोध होता था। उनके कार्यकाल के दौरान डस्टबिन, कंप्यूटर, स्ट्रीट लाइट आदि की खरीद में कई गंभीर आरोप लगे थे।
विशेषाधिकार हनन में मांगी थी माफी
मार्च 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेषाधिकार हनन के मामले में अब्दुल समद को पांच पुलिस कर्मियों के साथ रात 12 बजे तक कैद की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने सदन में माफी भी मांगी थी। यह मामला 15 सितंबर 2004 का कानपुर में विधायक रहे सलिल बिश्नोई के साथ दुर्व्यवहार का था। उस दौरान अब्दुल समद कानपुर में सीओ (पीपीएस) पद पर तैनात थे। बाद में समद पीसीएस में चयनित हुए, फिर प्रोन्नति पाकर आईएएस बन गए।
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