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दिल्ली में मच्छर के डंक से सावधान! मलेरिया और डेंगू का डबल अटैक, टूटे कई साल के रिकॉर्ड

 दिल्ली इस साल मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में है। आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक 124 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले दस साल...


 दिल्ली इस साल मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में है। आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक 124 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले दस सालों में सबसे ज्यादा हैं। वहीं, 28 जुलाई तक डेंगू के 277 मामले सामने आए, जो पिछले पांच सालों में इस अवधि के लिए दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। एमसीडी की रिपोर्ट ने इस बढ़ते खतरे की पुष्टि की है।

बारिश बनी विलेन


जुलाई में सामान्य से अधिक 259.3 मिमी बारिश (सामान्य औसत 209.7 मिमी) ने दिल्ली में जलजमाव की स्थिति पैदा कर दी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मॉनसून के दौरान मच्छरों का प्रजनन आम है, लेकिन इस बार भारी बारिश और जलभराव ने मच्छरों को पनपने का सुनहरा मौका दे दिया। पिछले सात दिनों में ही 9,117 नए मच्छर प्रजनन स्थल पकड़े गए, जो जनवरी से जुलाई तक कुल 89,030 स्थलों का दसवां हिस्सा है।

सेंट्रल जोन सबसे ज्यादा प्रभावित


इस साल डेंगू के मामलों की भौगोलिक स्थिति चिंताजनक है। सेंट्रल जोन में सबसे ज्यादा 38 मामले दर्ज हुए, इसके बाद वेस्ट जोन (30), सिविल लाइंस (29), और रोहिणी, शाहदरा, साउथ जोन में 26-26 मामले सामने आए। पिछले हफ्ते में 16 नए डेंगू और 12 मलेरिया के मामले सामने आए हैं। तुलनात्मक रूप से, 2024 में 28 जुलाई तक 284 डेंगू और 106 मलेरिया के मामले थे, जबकि 2023 में यह संख्या 116 और 40 थी।

 

डेंगू क्यों है खतरनाक?


डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। ज्यादातर मरीजों में लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, जी मिचलाना और चकत्ते जैसे लक्षण उभरते हैं। आमतौर पर मरीज एक-दो हफ्ते में ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में हेमरेजिक बुखार जानलेवा हो सकता है। यह मच्छर साफ पानी और जलजमाव वाले इलाकों में पनपता है, और इसे रोकने का सबसे कारगर तरीका प्रजनन स्थलों को खत्म करना है।


क्या है एमसीडी की तैयारी?


दिल्ली नगर निगम इस संकट से निपटने के लिए कमर कस रहा है। स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन सत्य शर्मा ने बताया कि हिंदू राव अस्पताल में 70 बेड, स्वामी दयानंद अस्पताल में 22 बेड और कस्तूरबा अस्पताल में 75 बेड मच्छर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। ये तीनों अस्पताल सेंटिनल सर्विलांस सेंटर के रूप में काम करेंगे। इसके अलावा, सभी अस्पतालों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

 

निगम के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी का एक कारण अस्पतालों से बेहतर डेटा संग्रहण भी हो सकता है। साथ ही, चिकनगुनिया जैसी अन्य मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए भी एमसीडी सक्रियता से काम कर रहा है।




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