क्या ध्यान भटकाने के लिए हटाए जा सकते हैं एसआईटी प्रमुख? बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक के धर्मस्थल में 'सामूहिक दफनाने' से जुड़े मामले...
क्या ध्यान भटकाने के लिए हटाए जा सकते हैं एसआईटी प्रमुख? बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक के धर्मस्थल में 'सामूहिक दफनाने' से जुड़े मामले की जांच कर रहे एसआईटी प्रमुख पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को एक बयान दिया। उन्होंने कहा, एसआईटी का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रणब मोहंती अगर केंद्र सरकार की ड्यूटी पर जाते हैं तो उन्हें बदल दिया जाएगा। पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा प्रभाग) मोहंती का नाम केंद्र सरकार में सेवा देने के लिए महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की सूची में है। जांच से ध्यान भटकाने के लिए एसआईटी प्रमुख को हटाने के आरोपों पर राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, 'इसमें सरकार का क्या हित है? अगर ऐसा होता तो हम एसआईटी क्यों गठित करते? सरकार केवल सच्चाई बाहर लाना चाहती है।
जांच पूरी होने के बाद जब रिपोर्ट आएगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी।' प्रणब मोहंती की अध्यक्षता में गठित एसआईटी में पुलिस उप महानिरीक्षक (भर्ती) एम एन अनुचेथ, आईपीएस अधिकारी सौम्यलता एसके और जितेंद्र कुमार दयमा शामिल हैं। क्या है मामला? धर्मस्थल में पिछले दो दशकों में सामूहिक हत्याकांड, दुष्कर्म और शवों को दफनाने के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। दरअसल, एक पूर्व सफाई कर्मी ने दावा किया था कि उसने 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था। उसे यहां पर महिलाओं और नाबालिगों समेत कई लोगों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया। उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे।
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