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खेती की जमीन को अपना बताकर हड़पे 36 लाख,NCR में कहां कर दिया किसानों ने फर्जीवाड़ा?

  गांव नरहावली और मोठूका स्थित किसी और की खेती वाली जमीन को अपना बताकर नूंह और पलवल के 22 फर्जी किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत सरकार से कर...

 


गांव नरहावली और मोठूका स्थित किसी और की खेती वाली जमीन को अपना बताकर नूंह और पलवल के 22 फर्जी किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत सरकार से करीब 36 लाख रुपये ऐंठ लिए। जांच में खुलासा होने के बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने सेंट्रल थाना में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस जांच में जुटी है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सीएम फ्लाइंग में तैनात इंस्पेक्टर भगत सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गांव नरहावली,मोठूका और मलेरना के काफी किसानों की कृषि भूमि पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पलवल और नूंह निवासी कई लोगों ने गांव नरहावली, मोठूका और मलेरना के किसानों को बिना बताए उनकी खेती की जमीन पर फर्जी कागजात तैयार किया। फिर फसलीय वर्ष 2024-25 के तहत खरीफ फसल (धान) के ऐवज में मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराकर नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (एनसीईपी) से फसल बीमा का लाभ ले लिया। सूचना मिलते ही सीएम फ्लाइंग की टीम कृषि विभाग के सहयोग से पंचकुला स्थित बीमा कंपनी से संपर्क किया गया।

 

वहां से मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण वाले किसानो की सूची ली गई। इसके बाद जांच की गई। जांच में नूंह और पलवल के 22 व्यक्ति फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए। आरोपियों ने करीब 36 लाख से अधिक रुपये फर्जी तरीके से बीमा कंपनी से हासिल कर लिए। इसके बाद उनके खिलाफ सेंट्रल थाना में शिकायत दी गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियेां की तलाश कर रही है।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

शिकायकर्ता इंस्पेक्टर भगत सिंह के अनुसार जांच के दौरान असल जमीन मालिकों से पूछताछ की गई। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह अपने जानकारों को अपनी जमीन खेती पर पट्टे पर दे रखा है। फर्जीवाड़ा करने वाले फर्जी किसानों से उनकी कोई जान-पहचान या संपर्क नहीं है। ऐसे में जांच में सामने आया कि आरोपियों ने असली भू-मालिकों के नाम से उनकी जमीन का नूंह स्थित तहसील में एक नोटरी से स्त्यापन कराकर फर्जी किसान प्रमाण पत्र बनाया। इसके बाद उसे मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल अपलोड किया। फिर बीमा का लाभ लिया।

केंद्र को भी नुकसान

शिकायतकर्ता इंस्पेक्टर भगत सिंह के अनुसार हरियाणा राज्य में जब कोई किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपने फसल का बीमा कराते हैं तो पांच प्रतिशत बीमा प्रिमियम राशि में से दो प्रतिशत किसान द्वारा और तीन प्रतिशत में आधा राज्य सरकार और आधा केंद्र सरकार द्वारा जमा कराया जाता है। इसके बाद किसी प्रकार के नुकसान या समय सीमा पूरा होने पर बीमा की पूर्ण राशि सरकार द्वारा किसानों को दी जाती है। अधिकारियों के अनुसार फर्जी किसानों ने फर्जीवाड़ा कर केंद्र सरकार को भी नुकसान पहुंचाया।

 

इन आरोपियों की पहचान की गई

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नूंह स्थित पुन्हाना के गांव बिकटी निवासी रसमीना, अमरूदी, आबिद, अकबर, गांव बिछौर निवासी अमजीदा, फिरोजपुर झिरका के गांव फकरपुर निवासी राकिब, अफसाना, गांव बिच्छोर निवासी मोहब्बत, गौरव तिवारी, इमरान, बिमलेश कुमाारी, गांव हाजीपुर निवासी तबस्सुम, निर्भय सिंह चौहान, गौरव, हफीजन, राज खान, अंजुम, रसीद अहमद, गांव पैमाखेड़ा निवासी मोईन खान,पलवल के होडल निवासी ललित, गांव डाडौली निवासी जुनैद खान, गांव बिसरू निवासाी मिस्कीना आदि के रूप में हुई है।




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