अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ईशा फाउंडेशन की बड़ी पहल, 10000 से अधिक सैनिकों को कराया योगाभ्यास



अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ईशा फाउंडेशन ने देशभर में एक विशेष पहल के तहत 10000 से अधिक रक्षा कर्मियों के लिए नि:शुल्क योग सत्र आयोजित किए. इन सत्रों का संचालन फाउंडेशन के 11000 से अधिक प्रशिक्षित ‘योग वीर’ द्वारा किया गया, जो पूरे भारत में फैले 2500 से ज्यादा स्थानों पर आयोजित हुए.


सबसे बड़ा आयोजन बेंगलुरु स्थित सद्गुरु सन्निधि में हुआ, जहां भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना से जुड़े 5000 से अधिक जवानों ने योगाभ्यास किया. इसके अलावा 1000 से अधिक स्थानीय नागरिकों ने भी इस आयोजन में भाग लिया. इसके अलावा अन्य प्रमुख स्थानों पर भी योग दिवस को बड़े उत्साह से मनाया गया. राजस्थान के श्रीगंगानगर में लगभग 1,500 सैनिकों ने योग सत्र में भाग लिया. जोधपुर एयरबेस पर 900 वायुसेना कर्मियों ने सामूहिक योगाभ्यास किया.


ईशा फाउंडेशन की अनूठी पहल


योग गुरु सद्गुरु द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन सालों से योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है. इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उनकी यह पहल विशेष रूप से देश की रक्षा में जुटे सैनिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर की गई. फाउंडेशन का कहना है कि योग न केवल शरीर को मजबूत करता है, बल्कि जीवन में संतुलन, स्थिरता और आंतरिक शांति भी प्रदान करता है, जो हर सैनिक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.


अनियंत्रित विचारों और प्रतिक्रियाओं का गुलाम न हो… बोले सद्गुरु


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सद्गुरु ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि योग एक ऐसा प्रणालीगत विज्ञान है, जो आपको एक ऐसा जीवन रचने की स्वतंत्रता देता है, जो पूर्णतः आपकी चेतन पसंद से संचालित हो, ऐसा जीवन जो आपके अनियंत्रित विचारों और प्रतिक्रियाओं का गुलाम न हो. वे समझाते हैं कि जब तक हम बाध्यता पूर्ण सोच और कर्म से ऊपर नहीं उठते, तब तक हम अपनी भौतिक और मानसिक भलाई के असली मालिक नहीं बन सकते.


योग विज्ञान को दुनियाभर में पहुंचा रहा ईशा फाउंडेशन


ईशा फाउंडेशन, जो सद्गुरु के मार्गदर्शन में विगत 30 वर्षों से प्राचीन योग विज्ञान को इसकी सबसे शुद्ध और मौलिक रूप में दुनिया भर में पहुंचा रहा है, आज मानव कल्याण की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है. फाउंडेशन को 1.7 करोड़ से अधिक स्वयंसेवकों का समर्थन प्राप्त है और इसके 400 से अधिक केंद्र विश्वभर में सक्रिय हैं. ये सभी पहलें मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण को समर्पित हैं.




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