बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेनों से गिरकर यात्रियों की हो रही मौतों को चिंताजनक करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने रेलवे को सुझाव दिया कि वह लोकल ट्रेनों में ऑटोमेटिक बंद होने वाले दरवाजे (Automatic Closed Doors) लगाने पर विचार करे. ये दरवाजे फिलहाल मुंबई की एसी लोकल में लगाए गए हैं, जिससे एसी लोकल में ट्रेन से गिरकर मरने की घटनाएं नहीं हो रही है. हाई कोर्ट ने मुंबई की सभी लोकल ट्रेनों में ऑटोमेटिक दरवाजे लगाने को लेकर रेलवे और सरकार से जवाब मांगा है.
अदालत का यह बयान उन लगातार हो रही घटनाओं के संदर्भ में आया, जिनमें यात्री चलते ट्रेनों से गिरकर अपनी जान गंवा रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अराध्ये और जस्टिस संदीप मार्ने की डबल बेंच पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा की कमी के चलते हो रही मौतों को लेकर दायर की गई.
9 जून को हुई थी दर्दनाक घटना
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 9 जून की एक दर्दनाक घटना का जिक्र किया, जिसमें ठाणे जिले के मुंब्रा के पास चलती लोकल ट्रेन से 13 यात्री गिर गए थे, जिसमें 4 की मौत और 9 लोग घायल हो गए थे. मुंबई में रोजाना भारी संख्या में लोग लोकल ट्रेन से सफर करते हैं. मुंबई के तीनों मार्ग पश्चिम, मध्य और हार्बर रेलवे मार्ग पर लोकल ट्रेन चलती हैं. इसमें मुंबई, पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिले शामिल हैं.
मुंबई में 2 प्रकार की लोकल ट्रेन चलती हैं, जिसमें AC और नॉन AC हैं. टीवी9 के संवाददाता ने मुंबई की AC लोकल ट्रेन से सेफ्टी डोर को दिखाते हुए जायजा लिया. इस दौरान AC लोकल में सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में एसी भी है और डोर भी क्लोज होते हैं. हम बेहद सेफ्टी के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान तक सफर करते हैं.
‘जब भीड़ ज्यादा हो जाती है तो…’
वहीं, मुंबई की नॉन AC ट्रेन का किराया बेहद सस्ता होता है. यही वजह है भारी संख्या में लोग मुंबई कि नॉन एसी लोकल ट्रेन में सफर करते हैं. नॉन एसी में सफर करने वाले लोगों का कहना है कि हम इसी में सफर करते हैं लेकिन जब भीड़ ज्यादा हो जाती है तो धक्का-मुक्की होती है. इससे लोग ट्रैक पर गिर जाते हैं. कई बार उनकी मौत भी जाती है.
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