केदारनाथ में हेलिकॉप्टर कभी गिरा तो कभी लड़खड़ाया… डराने वाले हैं आंकड़े, क्या नियमों की उड़ रही खिल्ली?



उत्तराखंड के केदारनाथ के पास हुए हादसे में पायलट और बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो गई. मरने वाले किस श्रद्धालु को पता था कि ये उनका आखिरी दिन होगा. वे बाबा केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौट रहे थे. ये दुखद घटना 15 जून की सुबह साढ़े 5 बजे घटी. दरअसल, आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ से उड़ान भरी थी और वह गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गया.


विमान केदारघाटी के संकरे और पहाड़ी क्षेत्र में गौरीकुंड के ऊपर गौरी माई खर्क के जंगलों के पास क्रैश हुआ. कहा गया कि हेलिकॉप्टर का संपर्क खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण टूट गया, जिसके बाद ये क्रैश हो गया. ये कोई पहला हादसा नहीं था. इलाके में कई बार हेलिकॉप्टर या तो क्रैश हुआ है, या फिर लड़खड़ा चुका है. इन हादसों को लेकर जांच के आदेश तो दिए गए हैं, लेकिन बड़ा सवाल खड़ा ये हो रहा है कि कंपनियां सबक क्यों नहीं ले रही हैं?


भले ही ताजा हेलिकॉप्टर के क्रैश की घटना की वजह खराब मौसम बताई जा रही है, लेकिन दूसरा कारण ये भी है कि हैली ऑपरेटरों की ओर से डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) और उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवेलेपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) के स्तर से जारी एसओपी व गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. 


सबसे पहले बात करते हैं कि इस हादसे में किन-किन लोगों ने जान गंवाई है? हेलिकॉप्टर में पायलट राजवीर सिंह चौहान समेत सात लोग सवार थे. यात्रियों की पहचान महाराष्ट्र की श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (35), उनके दो वर्षीय बच्चे काशी, गुजरात के राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उत्तराखंड के विक्रम सिंह रावत और उत्तर प्रदेश की विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19) के रूप में हुई है.


हेलिकॉप्टर क्रैश पर क्या बोले सीएम धामी?


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस हादसे के बाद 16 जून तक लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं रोक दी गई हैं. उन्होंने राज्य में हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए सख्त एसओपी तैयार करने के भी आदेश दिए. उन्होंने कहा, ‘निर्देश दिए गए हैं कि डीजीसीए के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों को इस क्षेत्र का अनुभव होना चाहिए. विमानन कंपनियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए. एक कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित किया जाना चाहिए. इस दुर्घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.’


सीएम धामी ने मुख्य सचिव को मौजूदा प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करने और नए सेफ्टी फ्रेमवर्क का मसौदा तैयार करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने राज्य में सभी हेली सेवाओं को ऑपरेट करने के लिए एक सख्त एसओपी तैयार करने का भी आदेश दिया है. प्रस्तावित एसओपी के तहत हेलिकॉप्टरों का गहन तकनीकी निरीक्षण करना और हर उड़ान से पहले वास्तविक समय में मौसम का आकलन सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, धामी ने एक हाई लेवल कमेटी को निर्देश दिया है कि इस हादसे की भी गहन जांच करे. कमेटी सिस्टेमिक खामियों की पहचान करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी और लापरवाही बरतने वाले किसी भी शख्स या संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेगी.


बीते करीब तीन सालों में सिर्फ केदारनाथ में ही हेलिकॉप्टर क्रैश होने के 6 मामले सामने आए. इन हादसों से सबक लेने की बजाय हेलिकॉप्टर कंपनियां लापरवाही बरतने से जरा भी परहेज नहीं कर रही हैं. आए दिन हादसे हो रहे हैं. कड़ी गाइडलाइन होने के बावजूद उन्हें अनदेखा कर हेलिकॉप्टर को उड़ाया जा रहा है. कंपनियां नियमों को ताक में रख रही हैं. अब आपको सिलसिले बार बताते हैं कि कब-कब केदारनाथ क्षेत्र में हेलिकॉप्टर क्रैश कर गए.


7 जून 2025


पांच यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर की 7 जून 2025 को हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई. केस्ट्रेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से ऑपरेटेड ये हेलिकॉप्टर रुद्रप्रयाग से केदारनाथ जा रहा था. हेलिकॉप्टर को टेक-ऑफ के दौरान तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा. पायलट की ने सूझबूझ से हेलीपैड के बगल में हेलिकॉप्टर को लैंड कराया. इस दौरान एक कार क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन गनीमत रही कि सभी यात्री सुरक्षित बचे.


17 मई 2025


एक एयर एम्बुलेंस हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण केदारनाथ में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. कथित तौर पर संजीवनी हेलिकॉप्टर एंबुलेंस के टेल रोटर में खराबी आ गई थी, जिसके कारण लैंडिंग में दिक्कत आई. हालांकि, उसमें सवार यात्रियों को कोई चोट नहीं आई.


8 मई 2025


उत्तरकाशी के पास हुए हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौत हो गई. घटना के समय हेलिकॉप्टर देहरादून से हरसिल हेलीपैड के लिए उड़ान भर रहा था. मृतकों में पांच महिला पर्यटक भी शामिल हैं. बेल 407 हेलिकॉप्टर मौसम में आए बदलाव के कारण पहाड़ी से टकराकर क्रैश गया.


16 अक्टूबर 2024


तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को ले जा रहे हेलिकॉप्टर की खराब मौसम कारण मुनस्यारी के पास रालम गांव में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. मिलम ग्लेशियर के रास्ते में हेलिकॉप्टर को सुरक्षित उतरा गया. इसमें उत्तराखंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी सहित तीन अधिकारी सवार थे.


18 अक्टूबर 2022


केदारनाथ में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पायलट सहित छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इस त्रासदी के मद्देनजर यूसीएडीए ने डीजीसीए से हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की निगरानी बढ़ाने के लिए क्षेत्र में एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित करने के लिए कहा.


ये कंपनियां करती हैं हेलिकॉप्टर ऑपरेट?


केदारनाथ की यात्रा के लिए 8 कंपनियां आधिकारिक रूप से हेलिकॉप्टर सेवाएं प्रदान कर रही हैं. इनमें हिमालयन हेली सर्विसेज, आर्यन एविएशन, ट्रांस भारत एविएशन, हेरिटेज एविएशन, थम्बी एविएशन, वीटी एविएशन, क्रिस्टल एविएशन और ग्लोबल वेक्टरा हेलिकॉर्प लिमिटेड शामिल हैं.


केदारनाथ यात्रा के लिए इन हेलीपैड का होता है इस्तेमाल


केदारनाथ यात्रा के लिए आमतौर पर 7 हेलीपैड का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें गुप्तकाशी हेलीपैड-2, फाटा, बादासू, जामू, सेरसी, चारधाम और त्रियुगीनारायण शामिल हैं. ये हेलीपैड पहाड़ों के बीच में स्थित हैं, जहां से हेलिकॉप्टर को साफ मौसम में ही उड़ाया जाना सुरक्षित माना जाता है. कई दफा कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर हेलिकॉप्टर को उड़ाती हैं, जिससे हादसे होने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि सरकार इन कंपनियों के लिए लगातार नियम कड़े करती जा रही है.


डीजीसीए का क्या कहना है?


केदारनाथ क्षेत्र में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना को लेकर अभी हाल ही में डीजीसीए ने फ्लाइट फ्रिक्वेंसी को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी की थी. डीजीसी ने कहा था कि प्रति घंटे अधिकतम दो उड़ानों को अनिवार्य किया गया है, जिसे मौसम की अनुमति मिलने पर तीन तक बढ़ाया जा सकता है. वहीं, हेलिकॉप्टर में फ्यूल का वजन और टेंपरेचर देख कर ही यात्रियों को बैठाना होगा, यानी अगर ज्यादा फ्यूल है तो अधिकतम 6 लोग बैठेंगे. यदि 45 किलोग्राम फ्यूल भरा हुआ है, तो कम यात्रियों को चढ़ने की अनुमति है.


केदारनाथ के लिए कितनी उड़ानें?


केदारनाथ के लिए उड़ाने के आंकड़े देखे जाएं तो औसतन सभी कंपनियां सामूहिक रूप से रोजाना 215 उड़ानों को ऑपरेट करती हैं. अगर मौसम ठीक रहता है तो उड़ानें बढ़ जाती हैं, जिनकी संख्या 290 तक पहुंच जाती है. आमतौर पर हेलिकॉप्टर की एक उड़ान में पायलट सहित 6 लोग सवार होते हैं. वहीं, केदारनाथ सहित अन्य चार धाम तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए रोजाना करीब 1500 यात्री हेलिकॉप्टर के जरिए यात्रा करते हैं.




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