पंचकूला सुसाइड केस: 20 करोड़ का कर्ज, जान से मारने की धमकी… मित्तल परिवार ने क्या-क्या सहे सितम? पूरी कहानी


 हरियाणा के पंचकुला में सामूहिक सुसाइड केस की बड़ी वजह सामने आई है. मृत कारोबारी प्रवीण मित्तल के ममेरे भाई संदीप अग्रवाल ने यह वजह पुलिस को बताई है. कहा कि मूल रूप से हरियाणा में हिसार के रहने वाले प्रवीण मित्तल बड़े कारोबारी थी. पंचकुला में 12 साल पहले उन्होंने स्क्रैप की फैक्ट्री थी. बाद में उन्हें इस कारोबार में घाटा हो गया और 20 करोड़ से भी अधिक का कर्ज हो गया था.


स्थिति ऐसी बनी कि कर्ज ना लौटाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी थी. ऐसे में वह परिवार सहित चुपचाप देहरादून शिफ्ट हो गए.संदीप अग्रवाल के मुताबिक 5 साल देहरादून रहने के दौरान उन्होंने किसी से भी संपर्क नहीं किया. फिर तीन साल पहले अचानक लौट आए और मोहाली के खरड़ में रहने लगे. उनके लौटने के बाद एक बार फिर से लोग कर्ज वापसी के लिए दबाव बनाने लगे थे.


मिला सुसाइड नोट


इसी बीच प्रवीण के परिवार समेत सुसाइड की खबर मिली है. संदीप ने बताया कि अभी पांच दिन पहले ही उनकी प्रवीण से बात हुई थी. इसमें उन्होंने बताया था कि वह पंचकुला के सकेतड़ी के पास ही कहीं रह रहे थे. पंचकुला पुलिस के मुताबिक प्रवीण मित्तल की कार से एक सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें प्रवीण ने सभी शवों के अंतिम संस्कार के लिए संदीप को जिम्मेदारी दी है.


टैक्सी चलाकर भर रहे थे परिवार का पेट


संदीप अग्रवाल के मुताबिक लोन चुकता नहीं कर पाने की वजह से बैंक पहले ही उनके दो फ्लैट, गाड़ियां और फैक्ट्री जब्त कर लिया था. इसलिए उनके पास संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं बचा था. ऐसे हालात में प्रवीण अपने परिवार का पेट भरने के लिए चंडीगढ़ में टैक्सी चलाते थे. हालांकि इससे होने वाली कमाई उनके परिवार के लिए पर्याप्त नहीं हो पा रही थी. उधर, प्रवीण के सामूहिक सुसाइड की खबर से देहरादून में उनके पड़ोसी रहे लोग भी हैरान हैं.


देहरादून में किराए पर रहते थे मित्तल


पड़ोसियों ने बताया कि प्रवीण यहां कौलगढ़ के राघव विहार में नौटियाल निवास मकान नंबर 274 में किराए पर रहते थे. मकान मालिक नौटियाल ने अपना मकान बेच तो वह भी यहां से चले गए थे. पड़ोसियों के मुताबिक यहां पर प्रवीण मित्तल एनजीओ चलाते थे. पड़ोसियों के मुताबिक देहरादून में वह अपने तीन बच्चों के साथ रहते थे. पड़ोसी राजकुमारी नौटियाल के मुताबिक उनका साधारण परिवार था. उनकी मां बीमार रहती थीं, प्रवीण मित्तल का प्रेम विवाह हुआ था और यह दंपति आपस में कभी लड़ाई झगड़ा भी नहीं करते थे. उनके बच्चे हार्दिक,दुर्विका और डलिसा देहरादून के ब्लूमिंग बर्ड स्कूल में पढ़ते थे. उन्होंने अपने ससुर की एक दुकान टपकेश्वर मंदिर के पास खुलवाई थी.


देहरादून के गंभीर के नाम पर है गाड़ी


जिस गाड़ी में प्रवीण मित्तल और उनके परिवार वालों के शव मिले हैं, वह गाड़ी मालदेवता देहरादून के रहने वाले गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है. उन्होंने बताया कि प्रवीण मित्तल से उनका संपर्क एनजीओ की वजह से हुआ था. चूंकि प्रवीण का बैंक रिकार्ड खराब था और उन्हें लोन नहीं मिल सकता था. इसलिए मित्रता के नाते उन्होंने प्रवीण के लिए अपने नाम पर गाड़ी फाइनेंस कराई थी. इस गाड़ी को प्रवीण ही चला रहे थे.




 

Post a Comment

और नया पुराने
Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...