गाजियाबाद। सावन के अंतिम सोमवार को सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मठ महादेव के अलावा जिले के सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। देर रात से ही म...
गाजियाबाद। सावन के अंतिम सोमवार को सिद्धपीठ दूधेश्वर नाथ मठ महादेव के अलावा जिले के सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। देर रात से ही मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं। भक्तों ने विधिविधान से महादेव का पूजन कर जलाभिषेक किया। भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए सावन के चौथे और अंतिम सोमवार पर दूधेश्वर नाथ मंदिर के बाहर देर रात 12 बजे से ही भक्तों की भीड़ लगने लगी थी। रात्रि एक बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भक्तों ने शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और धतूरा आदि अर्पित कर जलाभिषेक किया। मंदिर और बाहर हर महादेव के जयकारों से माहौल शिवमय हो गया।
तड़के तीन बजे महंत नारायण गिरि ने भगवान दूधेश्वर का शृंगार किया। प्राचीन देवी मंदिर दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने धूप और दीप आरती की। भगवान को 56 भोग लगाया गया। मंदिर में जलाभिषेक के लिए दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। कल्कि पीठाधीश्वर ने पूजा की कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दूधेश्वरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया। उन्होंने मंदिर के महंत नारायण गिरि से भेंट की। महंत नारायण गिरि ने कहा कि कलियुग में भगवान विष्णु भगवान कल्कि के रूप में अवतार लेंगे और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कल्कि धाम की स्थापना कर भगवान के आगमन और स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे धाम ही नहीं आसपास के क्षेत्र को भी पवित्र और भक्तिमय बना दिया है। मंदिर मार्ग पर वाहन बंद रहे मंदिर पहुंचने के रास्ते बंद होने से सोमवार को श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। गौशाला चौकी से दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर हल्के और भारी वाहन बंद होने से शिवभक्त को पैदल ही मंदिर तक जाना पड़ा। दोपहिया वाहनों को महिला अस्पताल के पास तक जाने की इजाजत दी गई थी। वहीं, जस्सीपुरा रोड और हापुड़ तिराहे की तरह से मंदिर की ओर केवल दोपहिया वाहनों को जाने दिया गया। इससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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