दिल्ली में अवैध निर्माण और खतरनाक इमारतों के खिलाफ जारी MCD के अभियान को लेकर बुधवार को निगम की हुई स्थायी समिति की बैठक में जमकर हंगामा हु...
दिल्ली में अवैध निर्माण और खतरनाक इमारतों के खिलाफ जारी MCD के अभियान को लेकर बुधवार को निगम की हुई स्थायी समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। एक सदस्य ने निगम अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कहा कि घूस की रकम ना मिलने पर अधिकारी इमारत को ढहाने पहुंच गए, जिसके बाद मैंने इस कार्रवाई को रुकवाया। हालांकि निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सदस्य के आरोपों को गलत बताया और कहा कि निगम नियमानुसार ही कार्रवाई कर रहा है और जिन भी इमारतों के नक्शे पास नहीं होंगे, वहां पर कार्रवाई जरूर होगी। बता दें कि अप्रैल से लेकर अगस्त तक बीते पांच महीने के दौरान दिल्ली में इमारत गिरने के कई हादसे हुए हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है, जिसके बाद MCD की तरफ से शहर में अवैध निर्माणों और खतरनाक इमारतों को लेकर कई स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है।
बैठक के दौरान शाहदरा उत्तरी जोन वार्ड समिति से स्थायी समिति के सदस्य पंकज लूथरा ने शाहदरा दक्षिण जोन की एक इमारत का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि इस इमारत के नक्शे पास होने के बाद भी उपायुक्त और जूनियर इंजीनियर ने तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी। उन्होंने कहा कि 'इस मामले पर बात करने के लिए मैंने उपायुक्त को कई फोन कई फोन किए लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाए। मैंने जेई से बोला कि इमारत के नक्शे पास हैं, तब जेई बोला कि ऊपर डीसी साहब को भी रकम देनी पड़ती है। जब रकम नहीं दी गई तो अधिकारी बुधवार को इस इमारत को ढहाने पहुंच गए। मैंने इस कार्रवाई को रुकवाया।'
अपने ऊपर लगे इन आरोपों पर शाहदरा दक्षिण जोन के उपायुक्त बादल कुमार ने जवाब देते हुए कहा '11 अगस्त को स्थायी समिति सदस्य पंकज ने मुझे फोन किया था, लेकिन मैं व्यस्त होने के कारण फोन नहीं उठा पाया था। नियमानुसार जिन भी इमारतों के नक्शे पास नहीं होंगे। वहां पर भी कार्रवाई होगी। स्थायी समिति सदस्य पंकज की इस इमारत में कोई हिस्सेदारी है तब भी इस बार कार्रवाई होगी।' उनके इतना कहते ही स्थाई समिति सदस्य और उपायुक्त के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई।
इसी नोंकझोंक के दौरान स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को सिर्फ स्थायी समिति के सदस्य ही नहीं बल्कि हर पार्षद का फोन उठाना चाहिए। इस मुद्दे पर आयुक्त अश्विनी कुमार ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि अधिकारी ब्लैकमेल करने वालों का टूल न बनें। किसी पर भी लांछन लगाने से पहले दस बार सोचना चाहिए। अधिकारी को भी अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने का अधिकार है। यदि किसी की कोई शिकायत है तब सीबीआई है, एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) और हम (एमसीडी) हैं। इसकी शिकायत करें।
ब्लैकमेल करने वालों की पहचान करें: आयुक्त
केशवपुरम जोन वार्ड समिति से स्थायी समिति की सदस्य शिखा भारद्वाज ने इमारतों से जुड़े मामलों में झूठी शिकायत करने का मुद्दा भी बैठक में उठाया। इस पर आयुक्त ने कहा कि ब्लैकमेल करने वालों की पहचान करें। कई जगहों पर यह शिकायत मिली हैं कि कुछ लोगों ने लगातार शिकायत करने का धंधा बनाया हुआ है। वह रहते किसी और स्थान पर हैं और किसी और स्थान की शिकायत करते हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
निगम मोरल पुलिस फोर्स नहीं: आयुक्त
उधर स्थायी समिति की सदस्य शिखा भारद्वाज ने C&D वेस्ट के मलबा डालने वाले स्थानों से मलबा न उठने और अन्य मुद्दे को भी उठाया। इस पर आयुक्त ने बैठक में मुस्कुराते हुए कहा कि 'जहां पर भी निगम ने किसी स्थान पर लाइसेंस जारी किया है वहां पर निगम क्या अवैध गतिविधि रोक पाते हैं। सच कहें तो एमसीडी मोरल पुलिस फोर्स नहीं है। यह गंभीर मुद्दा है। इस पर गहनता से विचार करेंगे।'
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