महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार में एक बार फिर आमने-सामने है. इस बार मामला बारामती की बहुचर्चित मालेगांव सहकारी चीनी मिल के आगामी चुनाव से जुड़ा है. एनसीपी के दो धड़ों- अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित गुट) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (शरद गुट) ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यह चुनाव न केवल सहकारिता आंदोलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है, बल्कि पवार परिवार के भीतर शक्ति संतुलन को लेकर भी बड़ा संकेत दे सकता है.
चार दशकों में पहली बार मालेगांव सहकारी मिल के चुनाव में सक्रिय रूप से भाग ले रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार को ‘नीलकंठेश्वर पैनल’ का समर्थन प्राप्त है. यह पैनल फिलहाल चीनी मिल में प्रभावी भूमिका निभा रहा है. दूसरी ओर, शरद पवार की पार्टी ने इसके जवाब में बलिराजा सहकार पैनल मैदान में उतार कर मुकाबले को सीधा बना दिया है. इसके साथ ही चुनावी मुकाबला तीखा हो गया है.
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