केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा: CM पुष्कर धामी ने की बड़ी बैठक, उठाए गए ये कदम


केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसे में एक नई जानकारी सामने आई है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव यूकाडा और DGCA के अधिकारियों के साथ बैठक की. सीएम ने कहा कि जरूरी गाइडलाइन का पालन किया जाए वरना कार्रवाई होगी.


उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. जिसमें बैठे सभी 7 लोगों की मौत हो गई. जानकारी मिली है कि बारिश की वजह से यह हादसा हुआ. बीते कुछ दिनों में उत्तराखंड में कई हेलीकॉप्टर क्रैश होने की सूचना मिली है.


सीएम ने जताया दुख


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज सुबह खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मैं ईश्वर से उन लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है. उन्होंने कहा कि मैंने तत्काल एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई है, और जरूरी कदम उठाए. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि आगे इस तरह कि और कोई घटना सामने आए और किसी भी नागरिक की मौत हो.


 

‘हादसे की जांच रिपोर्ट कल तक सौंपे’


उत्तराखंड सरकार केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद काफी अलर्ट हो गई है. क्योंकि बीते कुछ दिनों में उत्तराखंड में ऐसे कई हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की सूचना मिल चुकी है. इसी को लेकर सीएम ने मुख्य सचिव, यूकाडा, आपदा विभाग सहित नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( DGCA) के अधिकारियों के साथ की बैठक की. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर सरकार की तरफ से बनाई गई गाइडलाइन को कोई फॉलो न करे तो उसपर उचित कार्रवाई की जाए. सीएम ने अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि इस हादसे की जांच रिपोर्ट कल तक सरकार सौंप दें.


दो दिन हेली सेवाएं रद्द


अधिकारियों से बैठक करने के बाद उत्तराखंड सरकार ने एक और फैसला लिया. जिसमें उन्होंने कहा कि केदारनाथ में 15 और 16 जून यानी दो दिन तक हेली सेवाएं बंद रहेंगी. सरकार ने यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


तकनीकी सुरक्षा पर दिया जाएगा ज्यादा ध्यान


सीएम धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि वह तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करे. इस समिति का हेली संचालन के सभी तकनीक और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा करना और एसओपी तैयार करना है. उन्होंने कहा कि इस समिति यह भी जिम्मेदारी होगी कि किसी भी हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी खराबी न हो और वह सफल लैंडिंग कर सके. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में अधिक ऊंचाई पर उड़ाए जाने वाले हेलीकॉप्टर में अनुभवी पायलट होने चाहिए.




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