नोएडा, 21 जून 2025:
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच वैश्विक संकट की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस संदर्भ में श्रीजी रमण योगी महाराज ने ज्योतिषीय विश्लेषण और वैदिक दृष्टिकोण से तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाओं और उससे जुड़ी वैश्विक घटनाओं का गहन अवलोकन प्रस्तुत किया है।
उनके अनुसार, 2025–2027 के बीच ग्रहों की स्थितियां — जैसे मंगल-राहु युति, शनि की वक्र दृष्टि, और शनि-केतु संयोग — वैश्विक स्तर पर युद्ध, धार्मिक संघर्ष, आर्थिक मंदी और राजनीतिक अस्थिरता के संकेत दे रही हैं।
ईरान की कुंडली में राहु-शनि की दशा उसके उग्र और सैन्यवादी रुख को दर्शाती है, वहीं इज़राइल की कुंडली में सूर्य-मंगल योग इसके आक्रामक प्रतिकार को दर्शाता है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे महाशक्तियों की कुंडलियाँ भी इस संघर्ष को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से भड़काने की ओर संकेत कर रही हैं।
भारत की वृषभ लग्न कुंडली गुरु-शुक्र युति के कारण संतुलन और शांति के प्रतीक के रूप में उभरती है। 2026 में भारत को कूटनीति और सैन्य नीति में निर्णायक भूमिका निभानी होगी, लेकिन प्रत्यक्ष युद्ध से वह दूर रहेगा।
श्रीजी महाराज ने इस संघर्ष को आंशिक रूप से शुरू हो चुका “हाइब्रिड वॉर” बताया — जिसमें साइबर युद्ध, आर्थिक दबाव और धार्मिक ध्रुवीकरण मुख्य हथियार होंगे।
उन्होंने आध्यात्मिक उपाय के रूप में श्रीमद्भागवत का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि केवल धर्म, साधना और भक्ति के माध्यम से ही इस वैदिक काल की रक्षा संभव है।
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