दैनिक सरोकार ! निशांत शर्मा_
नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025: भगवान श्री परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर महाराणा प्रताप सेना द्वारा नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक विशेष धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संतों, समाजसेवियों, श्रद्धालुओं और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्य मंत्री पंडित सुनील भराला ने कहा कि भगवान परशुराम के विचार आज के समाज को नैतिक और धार्मिक दिशा देने वाले हैं। उन्होंने धर्म, न्याय और मर्यादा पर आधारित समाज की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय संत श्री श्री 1008 पदमा नारायणाचार्य महाराज जी ने भगवान परशुराम के तप, त्याग और धर्म स्थापन की भूमिका पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि परशुराम न केवल एक योद्धा थे, बल्कि सनातन धर्म के संरक्षक भी थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन सिंह परमार ने की। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम सत्य, शक्ति और न्याय के प्रतीक हैं, जिनकी विचारधारा आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
वक्ताओं ने सनातन संस्कृति, सामाजिक चेतना और राष्ट्र निर्माण में परशुराम दर्शन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए उनके सिद्धांतों को अपनाने की अपील की।
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