पश्चिम बंगाल में बीजेपी के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां एक व्यक्ति उनके काफिले के गुजर...
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां एक व्यक्ति उनके काफिले के गुजरते समय जय बांग्ला का नारा लगा रहा था, तभी वो अपने काफिले से उतर गए और अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ उस व्यक्ति के पास पहुंच गए और मुस्लिम व्यक्ति से जय श्रीराम का नारा लगाने को कहा. व्यक्ति ने अपने साथ मारपीट करने का भी दावा किया है.
इस पूरे मामले का टीएमसी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर डेढ़ मिनट का यह वीडियो शेयर किया है. इसके कैप्शन में टीएमसी ने लिखा है, बीजेपी को अंदर तक झकझोर देने के लिए सिर्फ दो शब्द काफी हैं- जय बांग्ला!
क्या है पूरा मामला
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सुवेंदु अधिकारी का काफिला हुगली जिले में एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा है. तभी काफिले को गुजरता देख एक व्यक्ति जोर-जोर से जय बांग्ला का नारा लगाने लगा. तभी बीजेपी नेता गाड़ी से बाहर निकल आए और नारे पर भड़क गए. व्यक्ति की पहचान बाद में मुंसी अली के रूप में हुई. बीजेपी नेता ने उस व्यक्ति से “जय श्री राम” का नारा लगाने को कहा और जब उसने मना किया, तो उसे “रोहिंग्या” कह दिया.
“गला काट दें तब भी जय श्रीराम नहीं बोलूंगा”
मुंसी अली ने मीडिया को बताया कि वो टीएमसी का एक सक्रिय कार्यकर्ता है और पहले एक विधायक के लिए ड्राइवर का काम भी कर चुका है. उन्होंने बताया कि वो बीजेपी नेता से क्यों नाराज थे. उन्होंने कहा, देश के कई हिस्सों में प्रवासी मजदूरों पर हमले की खबरों से मैं बहुत परेशान हूं. जब मैंने सुना कि सुवेंदु अधिकारी यहां आ रहे हैं, तो मैंने सोचा कि उनसे पूछूं कि बीजेपी शासित राज्यों में प्रवासियों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है. इसके बजाय, उन्होंने मुझे “जय श्री राम” कहने के लिए मजबूर करने की कोशिश की. लेकिन, अगर वो मेरा गला भी काट दें, तो भी मैं जय श्री राम नहीं कहूंगा. ‘जय बांग्ला’ हमारे राज्य का नारा है और मैं इसे बार-बार कहूंगा.
साथ ही अली ने यह भी दावा किया कि सुवेंदु अधिकारी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें डंडों से मारा, जिससे वह सड़क पर गिर गए और उनके हाथ में चोट लग गई.
क्या है जय बांग्ला का नारा
“जय बांग्ला” का नारा लंबे समय से बीजेपी के “जय श्री राम” के जवाब में इस्तेमाल होता रहा है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी, जिन्होंने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोगों से फोन पर “हैलो” की बजाय “जय बांग्ला” कहने को कहा था.
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